रूस की जिद से वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतों में और तेजी आई है। यूक्रेन दुनिया को बड़ी मात्रा में गेहूं, सूरजमुखी तेल और अन्य कृषि उत्पादों की आपूर्ति करता है। लेकिन रूस के साथ युद्ध के प्रकोप ने यूक्रेन के कृषि निर्यात को ठंडा कर दिया है। नतीजतन, वैश्विक खाद्य संकट है। यूक्रेन में कई बंदरगाह रूसी नियंत्रण में हैं। कुछ बंदरगाह रूस द्वारा लक्षित हैं। इसलिए, यदि रूस एक सुलह की भूमिका निभाता है, तो खाद्य निर्यात के मुद्दे को कुछ हद तक हल किया जा सकता है। रूस ने भी हां कह दी।
उनके अनुसार, रूस काला सागर से कृषि उत्पादों के निर्यात को सुविधाजनक बनाने में मदद करेगा। लेकिन हकीकत में रूस ने यूक्रेन के मायकोलाइव बंदरगाह पर हमला कर दिया। इससे रूस की भूमिका पर संदेह पैदा होता है। इन घटनाक्रमों के परिणामस्वरूप, सोमवार को दुनिया भर के बाजारों में गेहूं की कीमतों में तेजी आई। रूस ने यूक्रेन के दो गोदामों पर रॉकेट दागे ।
रूस के कदम और वैश्विक कमी ने गेहूं की कीमतों को बढ़ा दिया है। फ्रांस में सूखे ने आग में घी का काम किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका में शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेडिंग ने सीबोट पर गेहूं वायदा की कीमत बढ़ा दी है। फ्रांस में सूखे की स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। ऐसे में चिंता है कि वहां गेहूं के उत्पादन में कितनी गिरावट आएगी। यूरोप में गेहूं की आपूर्ति प्रभावित हुई है। पिछले हफ्ते, हालांकि, सूखाग्रस्त फ्रांस में एक बड़ा ओलावृष्टि हुई थी। टेनिस बॉल के आकार के ओले गेहूं के खेत पर गिरे। इससे फसल को भी भारी नुकसान हुआ है।

