Okra Crop Cultivation : सब्जियां हमारे दैनिक आहार में बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती हैं। भिंडी की फसल ख़रीफ़ और रबी दोनों मौसमों में की जा सकती है, इसलिए भिंडी की खेती देश के अधिकांश राज्यों में की जाती है। साल भर मार्केट में लगातार अच्छी मांग रहने से बाजार भाव भी अच्छा मिलता है और उससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। महाराष्ट्र राज्य में भिंडी की खेती बहुत फायदेमंद है अगर सही योजना और मेहनत की जाए तो ये फसलें आपकी आय मे बड़ा योगदान दे सकती हैं।
भिंडी की सफल खेती कैसें करे ?
जमीन और हवामान:
भिंडी को अच्छा धूप ओर मध्यम गर्मी [२०-३०°C] ज़रूरी है।
हलकी जमीन जसें रेतीली रेत या चिकणमिट्टी इस फसल के लिए अच्छी है जमीन का pH 6 से 6.8 होना अच्छा हे।
रोपण से पहले जमीन अच्छा से जुताई करके उर्वरक लगाएं गाय के गोबर या कम्पोस्ट का उपयोग करना बेहतर है।
रोपण का समय ओर बीज:
महाराष्ट्र में भिंडी की फसल २ बार की जा सकती है फरवरी से मार्च और जुन से जुलै।
उन्नत किस्मों के बीज का उपयोग जैसे कि परभणी क्रांति,अर्का अनुपमा, संकर हारा सोना वगैरह ये किस्में अधिक उत्पादन देती हैं।
कैसे लगाएं:
बुआई से पहले बीज बचाकर रखें और उन्हें अंकुरित होने दें।
जमीन पर १ से २ फुट अंतराल पर पौधों की कतार लगाएं। अंतरिक्ष पौधे 6-8 इंच की दूरी पर रखें।
पौधे को नियमित रूप से पानी दें मट्टी सूखने न दें।
जैविक खत का उपयोग जैसे गाय का गोबर खाद फायदेमंद होती है।
भिंडी के फलों की कटाई तब करनी चाहिए जब वे छोटे और मुलायम हों प्रतिदिन या दिन में एक बार कटाई करें।