मुंबई। कॉटन के दाम समूचे देश में आसमान पर पहुंच गए हैं। बीते साल सितंबर नवंबर के दौरान भारी बारिश से बॉलटी प्रभावित होने की वजह से किसानों ने अच्छी गुणवत्ता वाली कपास को अपने पास रखा जिससे अब भाव आसमान पर है। देश भर में कपास की कीमतें आज 7 000 रुपए प्रति केडी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। घरेलू बाजार से बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा खरीद को भी इसके लिए एक अहम कारण माना जा रहा है लेकिन इससे सभी स्टेकहोल्डर्स सहमत नहीं है।
साउथ इंडिया मिल्स एसोसिएशन के महासचिव सेल्वाराजू का कहना है कि अच्छी गुणवत्ता वाले कपास की कीमत 74,000 रुपए प्रति कैडी है। कपास की आवक कम है क्योंकि किसान अपनी उपज रोक रहे हैं। एक विश्लेषक का कहना है कि गुजरात की राजकोट मंत्री में कपास की कीमत 71,000 रुपए है, जबकि महाराष्ट्र में नासिक में यह 72,000-73,000 रुपए प्रति कैदी पर है।
राजकोट में कच्चे कपास का भाष 10,000रुटिल से ऊपर है, जबकि तेलंगाना में 9,300-9,500 रुपए पर कारोबार हो रहा है। नेलंगाना के अधिकांश बाजार पाडो (मंडियों) में दरें 9,000 रुपए से ऊपर थी। तेलंगाना के वारंगल में 9.310 रुपए प्रति जिंटल की बोली लगी। गुजरात के बाजारों में कच्चे कपास के वाम 31 दिसंबर को रिकॉर्ड 10,000 रुपए प्रति
किंटल) में सबसे ऊपर रहीं।
जामनगर एपीएमसी में अच्छी गुणवत्ता वाला कपास 10.555 रुपए प्रति चिंटल विका। राजकोट में ये कपास की नीलामी 10.050 रुपए प्रति जिंटल पर की गई। कारोबारियों का कहना है कि
नीलामी में भाव कीमत 12,500 रुपए प्रति विंटल तक पहुंच गई औसत गुणवत्ता वाले कपास की कीमत कम से कम 7.505 रुपए प्रतिटिल थी।
रविवार को भिवापुर (नागपुर) के मार्केट बाई में 9,510 रुपए प्रति दिन की रिकॉर्ड ऊंचाई दर्ज की गई। अन्य सभी प्रमुख बाजारों में मॉटल रेट (जिस कीमत पर अधिकांश ट्रेड हुए) रविवार को महाराष्ट्र में 9.000 रुपए प्रति किल से ऊपर रहे। आज कारोबार के पहले भाग के दौरान हाइब्रिड कपास के लिए जामनेर मार्केट चार्ड में मॉटल रेट 7.520 रुपए प्रति दिल था। रायचूर और बीजापुर जैसे कर्नाटक मार्केट यार्ड में कपास की कीमतें क्रमशः
10,200 और 10.300 रुपए प्रति स्टिल बोली गई।