Import Duty : बढ़ती महंगाई को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आटा, दाल, चावल सरकार इन सभी चीजों की कीमतें कम करने की कोशिश कर रही है। दालों की कीमत से आम जनता अभी भी हैरान है। उत्पादन कम होने से कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। फिलहाल मार्केट में तुअरदाल की कीमत बहोत ज्यादा है। लेकिन अब यह कीमत जल्द ही कम हो जाएगी। क्योंकी केंद्र सरकार ने तुअर और उड़द दाल के आयात पर शुल्क रियायत को एक और साल के लिए 25 मार्च तक बढ़ा दिया है। इससे देश में तुअरदाल की मात्रा बढ़ेगी और आम ग्राहक इसे खरीद सकेंगे।
इस साल अनियमित बारिश के कारण दाल की कमी की आशंका को देखते हुए, केंद्र सरकार ने जनवरी में तुअर और उड़द के लिए शुल्क-मुक्त आयात नीति को 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया था। इसके अलावा, सरकार ने 2 जून को व्यापारियों को तुअर और उड़द का सीमित स्टॉक रखने की अनुमति दी थी। इस फैसले के बाद सरकार ने कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए तुअर को राष्ट्रीय बफर स्टॉक से रिलीज कर दिया था। इसके बाद आज फिर तूर और उदीद डाली को दी गई छूट एक साल के लिए बढ़ा दी गई है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है। इसके मुताबिक, तुअर और उड़द दाल के आयात पर शुल्क रियायत को 31 मार्च 25 तक बढ़ा दिया गया है। देश में दालों की कीमतें 18% तक बढ़ गई थीं। साथ ही केंद्र सरकार ने देश के करीब 80 करोड़ लोगों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि अगले पांच साल के लिए बढ़ा दी है। उसके लिए दालों की जरूरत पड़ेगी, इसलिए 21 अक्टूबर से लागू यह रियायत अब 21, 25 मार्च तक जारी रहेगी। पिछले हफ्ते 23 दिसंबर को केंद्र ने मसूर के लिए आयात शुल्क रियायत को एक साल बढ़ाकर 25 मार्च तक कर दिया था।
18 दिसंबर को तुअर 156.5 रुपये से गिरकर 154 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। 8 दिसंबर को सरकार ने अरहर को इस वित्तीय वर्ष के अंत तक आयात शुल्क से छूट दे दी है। सरकार ने देश भर में 60 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती कीमत पर ‘भारत दाल’ पैकेजिंग के तहत चना दाल लॉन्च की। केंद्र ने बफर स्टॉक बनाने के लिए बाजार मूल्य पर सीधे किसानों से तुअर दाल खरीदना शुरू कर दिया है।