सोयाबीन व्यापारीओ को सोयाबीन का उत्पादन 1 मिलियन टन तक बढ़ने की उम्मीद है। तिलहन क्षेत्र के हितधारक खरीफ सीजन के दौरान सोयाबीन का उत्पादन 10 मिलियन टन (mt) होने की उम्मीद कर रहे हैं।
गोवा में सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) द्वारा आयोजित ‘घरेलू खरीफ तिलहन फसलों की स्थिति’ पर एक पैनल चर्चा में बोलते हुए, एसईए अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि इस दौरान सोयाबीन का उत्पादन एक मिलियन टन बढ़ने की संभावना है।
राजकोट स्थित दीपक एंटरप्राइज के मैनेजिंग पार्टनर गोविंदभाई जी पटेल ने कहा कि सीजन के दौरान सोयाबीन का उत्पादन पिछले सीजन में 8.9 मिलियन टन के मुकाबले 10 मिलियन टन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि फसल का रकबा लगभग 121 लाख हेक्टेयर रह गया है।
सोयाबीन के तीन प्रमुख उत्पादक राज्यों में से, महाराष्ट्र के उत्पादन में सबसे आगे रहने की संभावना है। मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में जहां अधिक वर्षा हुई, वहीं कुछ अन्य क्षेत्रों में कम वर्षा हुई। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में फसल की कुल स्थिति औसत रहेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कम बारिश के कारण फसल तुलनात्मक रूप से कम होने की संभावना है।
रुचि सोया के हेमंत बंसल ने सीजन के दौरान सोयाबीन का उत्पादन 10.5-11 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है।
हालांकि, आईटीसी लिमिटेड के प्रोक्योरमेंट मैनेजर अली मुहम्मद लकड़ावाला ने कहा कि सितंबर और अक्टूबर के दौरान मौसम की स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन महीनों में अधिक बारिश होने से उत्पादन पर असर पड़ेगा।
बंज इंडिया लिमिटेड, मुंबई के एडिबल ऑयल्स के प्रमुख विद्या भूषण ने उत्पादन संभावनाओं पर मौसम की भूमिका से सहमति जताते हुए कहा कि खराब मौसम के कारण सोयाबीन के बीज की गुणवत्ता प्रभावित होने पर तेल की गुणवत्ता खराब होगी।
गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक बलराम यादव ने ‘नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स- ऑयल पाम’ पर विशेष प्रस्तुति दी।